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coronavirus update : अब नाक में बिना स्टिक डाले होगी कोरोना की जांच,
/वैज्ञानिकों ने खोजा नया तरीका,पढ़िए ख़बर

  देश/विदेश तक

डेस्क

  Updated : May 21, 2021

नई दिल्ली। देश इस समय कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। देश में टेस्टिंग से लेकर स्वास्थ्य उपकरणों की कमी है। लेकिन अच्छी बात ये है कि लोग हिम्मत नहीं हार रहे हैं। इसी कड़ी में एक अच्छी खबर नागपुर से आई है। जहां कोरोना जांच अब सलाइन गार्गल के जरिए किया जाएगा। RT PCR में जो नाक या गले में स्टिक डालकर स्वैब लिया जाता था अब ऐसा नहीं किया जाएगा। NEERI के वैज्ञानिकों ने नई तकनीक का किया आविष्कार नागपुर स्थित नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट (NEERI) के वैज्ञानिकों ने स्वैब लेने का ऐसा तरीका इजाद किया है जिससे अब आपको कोई तकलीफ नहीं होगी और इसके लिए न आपके नाक या गले में किसी भी प्रकार की स्वैब स्टिक डाली जाएगी। इस नई तकनीक के माध्यम से अब आप बीना किसी चीज को शरीर में डाले कोरोना जांच के लिए स्वैब दे सकेंगे। जल्द ही इसका किया जा सकेगा इस्तेमाल नागपुर के नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने कोरोना सैंपल देने के लिए सलाइन गार्गल तकनीक का इजाद किया है जो कि बेहद आसान और सटीक है। यही वजह है कि इस तकनीक को ICMR की मान्यता भी प्राप्त हो गई है और जल्द ही इसी तकनीक से कई केंद्रों में कोरोना की जांच सैंपल भी कलेक्ट किए जाएंगे। सिर्फ 60 रुपये में होगी वजांच सलाइन गार्गल की तकनीक बहुत ही आसान है। इसमें जांच के लिए एक कंटेनर दिया जाता है जिसमें गार्गल को एकत्र करना होता है। इसे एकत्र करने के बाद जांच के लिए प्रयोगशाला ले जाना होगा। इस तकनीक के आने के बाद कई फायदे हो सकते हैं। जैसे कोरोना जांच के लिए सैंपल एकत्र करने के लिए किसी प्रशिक्षक की जरूरत नहीं होगी। साथ ही कोई भी व्यक्ति इस कंटेनर में अपना स्वैब आसानी से जमा कर सकता है। इस तकनीक से जांच करने का खर्च भी मात्र 60 रूपये तक होगा। बता दें कि वर्तमान में जिस तकनीक से कोरोना का RT-PCR टेस्ट किया जाता है, उसमें 500 रुपये से ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं। जल्द आएंगे नतीजे इस तकनीक से कोरोना टेस्ट करने पर समय और पैसे दोनों की बचत होगी। वहीं नतीजे भी जल्द मिलेंगे। साथ ही इस पद्धति से स्वैब देने के लिए किसी को कोई तकलीफ नहीं होगी।






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