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नकल विवाद में नया मोड़– शिकायतकर्ता ही निकले नकलची, सीसीटीवी फुटेज ने खोली पोल,पढ़े समाचार
/REPORT By DESK PUBLIC TAK

  नीमच तक

EDITOR AFZAL QURESHI

  Updated : July 26, 2025

नीमच। जिले में कॉलेज परीक्षा के दौरान नकल को लेकर उठा विवाद अब नया मोड़ ले चुका है। भाटखेड़ा स्थित आरआरएम कॉलेज में चल रही बी.फार्मा चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा में नकल के आरोपों पर जांच हुई, तो जो सच्चाई सामने आई उसने सबको चौंका दिया। दरअसल, जो छात्र दूसरे कॉलेज पर नकल करवाने के आरोप लगा रहे थे, वही खुद नकल करते पकड़े गए। मामले की शुरुआत तब हुई जब ज्ञानोदय कॉलेज के कुछ विद्यार्थियों ने आरआरएम कॉलेज पर नकल कराए जाने का आरोप लगाते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने परीक्षा केंद्र की निष्पक्षता पर सवाल उठाए और परीक्षा को रद्द करने की मांग की। लेकिन जब यूनिवर्सिटी द्वारा नियुक्त ऑब्जर्वर रमेश मेहता के निर्देशन में परीक्षा कक्ष के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई, तो असलियत सामने आ गई। परीक्षा में कुल 38 छात्र उपस्थित थे, जिनमें 1 आरबीएस, 3 आरआरएम और 34 छात्र ज्ञानोदय कॉलेज के थे। फुटेज में स्पष्ट रूप से देखा गया कि ज्ञानोदय कॉलेज के ही कुछ छात्र एक-दूसरे से बात कर नकल करने का प्रयास कर रहे थे। एक छात्र को तो नकल करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। हालांकि उसके भविष्य को ध्यान में रखते हुए उसे समझाइश देकर दोबारा परीक्षा में बैठने दिया गया। ऑब्जर्वर रमेश मेहता ने भी अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि परीक्षा केंद्र में मोबाइल पूरी तरह प्रतिबंधित था और सख्त निगरानी रखी जा रही थी। इस पूरे घटनाक्रम पर आरआरएम कॉलेज के डायरेक्टर संजय मंगल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मामला उन्हें मीडिया के माध्यम से पता चला। उन्होंने स्वयं जब सीसीटीवी फुटेज देखा, तो सच्चाई उजागर हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि झूठी शिकायत कर कॉलेज की छवि खराब करने की साजिश की गई है। संजय मंगल ने प्रशासन से दोषियों के विरुद्ध निष्पक्ष जांच कर सख्त कार्रवाई की मांग की है। अब सवाल यह उठता है कि – क्या झूठी शिकायत करने वाले छात्रों पर कार्रवाई होगी? क्या ऐसे मामलों से कॉलेजों की साख खतरे में पड़ रही है? यह मामला नकल से ज्यादा सच्चाई और जिम्मेदारी का है। ऐसे झूठे आरोप न केवल संस्थानों की छवि धूमिल करते हैं, बल्कि शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े करते हैं।