
अपराधिक व सट्टे के क्रियाकलाप कि पृष्ठभूमि वाले परिवार के हाथों में जा रही है क्या नगरपालिका की कमान, पपीता कांड में भी बटोरी थी बहुत सुर्खियां,पढ़े समाचार
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प्रदेश तक

डेस्क
Updated : July 15, 2022
आगामी 2 दिन बाद ही नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना होनी है। वही अध्यक्ष की चाह रखने वाले ससुर जी के परिवार पर पूर्व में छाप छोड़ चुके मामलों की चर्चा शहर के चौक चौराहों पर हो रही है और वही इस बात की भी चर्चा हो रही है क्या अब नगर पालिका कमान अपराधिक व सट्टे के क्रियाकलाप की पृष्ठभूमि वाले किसी भू माफिया के परिवार जन के हाथ में जाने वाली है। वहीं पूर्व में प्रकाश आया पपीता कांड हाईप्रोफाइल मामला भी इस बार सुर्खियों में है 2005 का यह कांड एक मासूम की जिंदगी बर्बाद करने वाला प्रकरण है । जो भी इस मामले को लेकर जानकारी रखता होगा यकीन मानो वहां इस सटोरिये से जरूर घृणा करता होगा ।
वहीं इन ससुर जी की पृष्ठभूमि अवैध क्रियाकलाप के साथ-साथ सट्टे से जुड़ी हुई है। कल्पना कीजिए नगरपालिका की कमान ऐसे व्यक्ति के हाथ चली गई तो परिणाम क्या होंगे वहीं जानकारों की माने तो अपनी महत्वाकांक्षाओं के चलते ससुर जी ने अध्यक्ष बनने के लिए ऐसा वार्ड चुना जहां से वहां आसानी से निर्वाचित हो जाएं ऐसे में सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है कि जिसने कभी जनता हित में कोई कार्य न किया हो ना ही वार्ड वासियों के बीच पहुँचा हो केवल अपने हित साधने के लिए अवैध कमाई के दम पर जोड़-तोड़ व खरीद फरोख्त करके अध्यक्ष बनने की चाह रखने वाला आखिरकार कैसे शहर के वाशिंदों का भला करेगा, पूर्व में भी ससुर जी ने चुनाव लड़ा था लेकिन अपनी हार पर सट्टा लगा दिया था वहीं कुछेक भू-माफिया इस चुनाव में ससुर जी के साथ लगे हुए थे क्योंकि उनकी नजर भी बेशकीमती जमीनों पर है। शहर के चर्चित भू माफिया टकले ने भी अपने आका के समर्थन में अपने श्रीमती का फॉर्म उठा लिया था तब से ही कवायस लगाए जाने लगे थे इन भूमाफिया की जुगलबंदी शहर को बर्बाद करके रख देगी, जैसा की सर्वविदित है बीते कई दिनों से खरीद-फरोख्त के वायरल ऑडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं अब ऐसे में यह समझना होगा कि इन सब क्रियाकलाप के बाद भी अगर भू माफिया के हाथ में नगरपालिका की बागडोर रही तो शहर की क्या दुर्दशा बनेगी इन सब क्रियाकलापों से उसका अंदाजा लगाया जा सकता है ब्यूरो रिपोर्ट सावधान एमपी